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Bharat Mein Devi Ka Swarup (Hindi)
Devdutt Pattanaik
₹281
₹295
(5% off)
ISBN 13
9789350643389
Year
2016
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"भारत के हर प्रान्त, हर कस्बे और यहाँ तक कि हर गाँव में अलग-अलग देवी पूजी जाती हंै और प्रत्येक का अपना अलग रूप, स्वरूप और विशेषता है। प्राचीन हिन्दू पौराणिक कहानियों और किंवदंतियों के शोध पर आधारित इस पुस्तक में लेखक देवदत्त पट्टनायक खोजबीन कर रहे हैं कि पिछले चार हज़ार वर्षों में देवी की अवधारणा कैसे बदली है। उन्होंने पाया कि जितनी भी देवियाँ हैं, उन सभी की उत्पत्ति पाँच मुख्य स्वरूपों से हुई है। पहला स्वरूप है जिसमें देवी को प्रकृति के रूप में माना गया है। देवी का दूसरा स्वरूप है जननी के रूप में है, जिसमें ममता उसका सबसे बड़ा गुण है। देवी का तीसरा स्वरूप है पुरुष को लुभाकर शारीरिक भोग-विलास से जीवन-चक्र में बाँधने वाली अप्सरा। जहाँ स्त्री घर-गृहस्थी के बन्धन में बँध जाती है तो उजागर होता है उसका चैथा स्वरूप, पत्नी के रूप में, जो अपने पतिव्रतता से चमत्कार करने की शक्ति भी रखती है। पाँचवाँ स्वरूप है बदला लेने वाली डरावनी, खूँखार आसुरी का। देवी के इन पाँच स्वरूपों को लेखक ने बहुत ही रोचक लोककथाओं और किंवदंतियों के ज़रिये पाठक के सामने उजागर किया है।