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Janiye Sangh Ko (Hindi)

Janiye Sangh Ko (Hindi)

Arun Anand
270 270 (0% off)
ISBN 13
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9789386231901
Year
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2016
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व का सबसे बड़ा सामाजिकसांस्कृतिक राष्ट्रवादी संगठन है। देश में जब भी आपदा आई है, इस संगठन ने उल्लेखनीय कार्य किया है। जीवन के हर क्षेत्र में इस संगठन की उपस्थिति ध्यानाकर्षण करनेवाली है। इसी कारण सबको ऐसे विलक्षण संगठन को जाननेसमझने की आकांक्षा रहती है। इस विश्वव्यापी संगठन की शुरुआत सन् 1925 में विजयादशमी के दिन हुई और इसको साकार किया डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार ने, जिनका बोया बीज आज एक विशाल वटवृक्ष बन गया है। शिक्षा, सेवा, चिकित्सा, विज्ञान, विद्यार्थी, मजदूर, अधिवक्ता, राजनीति आदि समाज के प्रमुख क्षेत्रों में इसकी सार्थक उपस्थिति है। संघ की ऊर्जा का मूल स्रोत हैं ?दैनिक शाखा?। प्रस्तुत पुस्तक में बड़े ही संक्षेप में यह बताया गया है कि संघ का सूत्रपात कब हुआ, इसका स्वरूप कैसा है, शाखा क्या है, भगवा ध्वज का क्या महत्त्व है, प्रचारक कौन बनते हैं, इसके विभिन्न शिविरों की संकल्पना क्या है, संघ की प्रार्थना का महत्त्व और उसका अर्थ क्या है आदि। संघ के सरसंघचालकों से संबंधित रोचक व तथ्यात्मक जानकारी भी इस पुस्तक में दी गई है। दैनंदिन जीवन में राष्ट्रवाद, देशभक्ति, आदर्श जीवनमूल्य और समर्पित भाव से ?राष्ट्र सर्वोपरि? के मूलमंत्र को अभिसिंचित कर राष्ट्रनिर्माण के लिए प्रतिबद्ध संगठन की व्यावहारिक हैंडबुक है यह पुस्तक जो आमजन में संघ को लेकर प्रचारित भ्रांतियों को दूर करने में सहायक होगी।