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Kusum Khemani Ki Lokpriya Kahaniyan (Hindi)

Kusum Khemani Ki Lokpriya Kahaniyan (Hindi)

Kusum Khemani
264 300 (12% off)
ISBN 13
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9789386300386
Year
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2017
कुसुम खेमानी के नारी-विमर्श की प्रकृति एकदम भिन्न है। वे अपनी स्त्री-चरित्रों का ऐसा उदात्तीकरण करती हैं कि वे इस धरती की होते हुए भी अपने अनोखे व्यक्तित्व के कारण किसी और ही लोक की लगती हैं। जडि़याबाई उपन्यास भी एक ऐसी ही स्त्री के उत्कर्ष की गाथा है, जो धनाढ्य परिवार की होने के बावजूद धुर बचपन से ही प्राणी के लिए संवेदनशील और करुणामयी है एवं खरे जीवन-मूल्यों में जीती हुई आश्चर्यजनक ढंग से शुरू से ही गांधीजी की ट्रस्टीशिप सिद्धांत की घोर अनुयायी बन जाती है। जडि़याबाई कथनी में ही नहीं करनी में भी पंचशील के पाँचों सिद्धांतों का अनुशीलन करती है और सर्वे भवन्तु सुखिनः के लिए अपना ?तन-मन-धन? सबकुछ अर्पित कर देती है। जडि़याबाई का आचार-व्यवहार समग्र प्रकृति के अणु-अणु के प्रति श्रद्धापूर्ण है। वे पृथ्वी की प्रकृति और इसके वासियों में ही उस परा-लौकिक दिव्य सत्ता को अनुभूत करती रहती हैं और सर्वदा उन्हीं के समक्ष श्रद्धावनत होती रहती हैं। वे उस असीम को मंदिर, मसजिद और शिवालों में नहीं ढूँढ़ती, बल्कि यहाँ की मिट्टी के कण- कण में उसकी उपस्थिति को महसूस करती रहती हैं।