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Mausam (Hindi) Hardbound

Mausam (Hindi) Hardbound

Gulzar
264 300 (12% off)
ISBN 13
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9788183618069
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2016
साहित्य में ‘मंजरनामा’ एक मुक्कमिल फार्म है ! यह एक ऐसी विधा है जिसे पाठक बिना किसी रूकावट के रचना का मूल आस्वाद लेते हुए पढ़ सकें! लेकिन मंजरनामा का अंदाजे-बयाँ अमूमन मूल राचन से अलग हो जाता है या यूँ कहें कि वह मूल रचना का इंटरप्रेटेशन हो जाता है ! मंजरनामा पेश करने का एक उद्देश्य तो यह है कि पाठक इस फार्म से रू-ब-रू हो सकें और दूसरा यह कि टी.वी. और सिनेमा में दिलचस्पी रखनेवाले लोग यह देख-जान सकें कि किसी कृति को किस तरह मंजरनामे की शक्ल दी जाती है ! टी.वी. की आमद से मंजरनामों की जरूरत में बहुत इजाफा हो गया है ! अथाह प्रेम, प्रेम के गहरे सम्मान और शुद्ध-सुच्चे भारतीय मूल्यों में रसी-पगी गुलजार की इस फिल्म को न देखा हो ऐसे बहुत कम लोग होंगे ! लेकिन मंजरनामे की शक्ल में इसे पढना बिलकुल भिन्न अनुभव है ! इतने कसाव और कौशल के साथ लिखी हुई पटकथाएँ निश्चित रूप से सिद्ध करती हैं कि मंजरनामा एक स्वतंत्र साहित्यिक विधा है ! बार-बार देखने लायक फिल्म की बार-बार पठनीय पुस्तकीय प्रस्तुति....