Logo
Dhaak Ke Teen Paat (Hindi) Hardbound

Dhaak Ke Teen Paat (Hindi) Hardbound

Maloy Jain
352 400 (12% off)
ISBN 13
Barcode icon
9788183616997
Year
Year icon
2016
ढाक के तीन पात ढाक यानी पलाश...और पात, वही तीन के तीन, यही हैं हालात हिन्दुस्तान की विकास-गाथा के। देश को इक्कीसवीं सदी में ले जाने के प्रयासों में सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है, मगर क्रियान्वयन के स्तर पर ढाक के तीन पात होते हम सबने देखा है। गूगलगाँव हिन्दुस्तान के मुख्तलिफ गाँवों में से ही एक है मगर हालात कमोबेश सर्वत्र एक ही हैं। व्यंग्य की इस कृति में पुरानी परम्पराएँ हैं तो उनमें टाँग अड़ाती आधुनिकताओं का अधकचरापन भी, गंवई गलियाँ हैं तो देहाती अस्पताल भी, वैद्य जी जैसे आम झोलाछाप डाक्टर और पाराशर जी जैसे शिक्षक हैं तो गड्ढे भैया जैसे ठेकेदार और लपकासिंह टाइप के लोकल पत्रकार भी। वहीं कमिश्नर साहिबा जैसी सख्त और कर्तव्य प्रेमी अफसर हैं, जिन्हें विश्वास है कि यदि देश में हर व्यक्ति ईमानदारी से अपना काम करने लग जाए तो विकास के फूल भी खिलने में देर नहीं।