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Jasoos Chahiye (Hindi) Hardback

Jasoos Chahiye (Hindi) Hardback

Rajendra Upadhyay
264 300 (12% off)
ISBN 13
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9788193432549
Year
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2021
राजेन्द्र उपाध्याय कवि और कथाकार हैं, पर सृजनात्मक लेखन के साथ ही उनकी कलम बराबर सामयिक विषयों पर भी चलती रहती है और विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में उनकी पठनीय, चुटीली और मर्मभरी टिप्पणियाँ पढ़ने को मिलती रहती हैं। इन टिप्पणियों का संबंध ज्यादातर उन प्रसंगों से होता है जो नैतिक और मानवीय सवाल खड़े करने वाले होते हैं। राजेन्द्र उपाध्याय की नजर हर उस सामाजिक, सांस्कृतिक पहलू पर टिकती है, जहाँ कुछ बन-बिगड़ रहा होता है। राजनीति की व्यावसायिकता और व्यावसायिकता की राजनीति की परतें भी वे अकसर खोलते हैं। उनका एक और सरोकार साहित्य-समाज है। इस समाज मेंµसाहित्यिक बिरादरी में, स्वयं साहित्य और भाषा में, किताबों की दुनिया मेंµजो अच्छा-बुरा घटित होता है, उसे भी वे किसी न किसी रूप में ‘दर्ज’ करते हैं, एक ऐसे गद्य में जिसका अपना स्वाद है। वह अकसर प्रचलित और भूले-बिसरे मुहावरों (और कहावतों) का भी दिलचस्प इस्तेमाल करते हैं और अपने गद्य में उन्हें इस तरह पिरोते हैं कि वह धारदार तो बनता ही है, उसमें एक रोचकता भी आ जाती है। व्यंग्य-विनोद और प्रायः हास्य का सहारा लेते हुए वे अपनी टिप्पणियों को ऐसी ‘उक्तियों’ से भी लैस करते हैं, जो ऊपर से तो हलकी-फुलकी लग सकती हैं, हमें हँसाती-गुदगुदाती भी हैं पर जो होती सोचने-विचारने वाली हैं। प्रस्तुत पुस्तक जासूस चाहिए ऐसी ही चुनी हुई टिप्पणियों का एक संग्रह है, पर पाठक पाएँगे कि ये अभी और आज की ही लगती हैंµनई और ताजा।