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Subhadra (Hindi) Hardback

Subhadra (Hindi) Hardback

Narendra Kohli
421 495 (15% off)
ISBN 13
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9788194939870
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2021
भारतीय लेखकों में नरेन्द्र कोहली कालजयी कथाकार व व्यंग्यकार के रूप में जाने जाते हैं जिन्होंने मिथकीय पात्रों को एक नवीन ध्वनि व चिन्तन प्रदान किया है। उनका लेखकीय जीवन अथक परिश्रम से परिपूर्ण और शाश्वत मानवीय संवेदना से सम्पन्न है। अभ्युदय, अगस्त्य कथा, महासमर, हिडिम्बा, कुन्ती, शिखण्डी आदि कालजयी रचनाओं के माध्यम से वे हिन्दी भाषा के सरल, बौद्धिक व जनप्रिय लेखकों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। हिन्दी साहित्य में नरेन्द्र कोहली आधुनिक तुलसीदास व व्यास परम्परा की श्रेणी में अग्रणी माने जाते हैं। इसी क्रम में सुभद्रा उनका नवीनतम उपन्यास है। सुभद्रा महाभारतकालीन एक ऐसा पात्र है जो जितना मिथकीय है उतना ही समकालीन भी। स्वावलम्बी, प्रखर, तेजमयी और स्वतन्त्र विचारों की धनी सुभद्रा की गाथा उसके निरन्तर आत्मिक विकास की शुभेच्छाओं को कई चरणों में व्यक्त करती है। रथ का सारथ्य करती कोमल तरुणी सुभद्रा का परिचय इतिहास में अपने सुकोमल पुत्र अभिमन्यु को रणभूमि में जाने की आज्ञा देने वाली वीर क्षत्राणी के रूप में दिया जाता है। पाण्डुपुत्र अर्जुन द्वारा किये गये अपने हरण को वह बिना किसी असावधानी के स्वीकार करते हुए समय की अनेक अनिश्चित धाराओं में बहती जाती है। सुभद्रा एक अक्षुण्ण स्त्री की ऐसी कथा है जो मानवीय भावनाओं और मान्यताओं को स्वीकार करने के लिए कृष्ण की सहायता से चैतन्य भाव में स्वयं के भीतर की यात्रा करती है और असत्य व आभासी सत्यों की उन चेष्टाओं को समझने का प्रयास करती है जो न कभी विलुप्त होती हैं न पूर्णतः सापेक्ष।